TONS #4 – आतंकवादी कौन है?

पूर्व नसऐ, शिवशंकर मेनन से आज मेने ये सवाल पूछा कि क्या मोदी शाशन में भारत द्वारा बॉर्डर पार कर मिलिट्री घुसपैठ और हमले में बढ़ोत्तरी हुई है?

उनके जवाब ने साफ़ कर दिया की भारतीय राज्य का हर हिस्सा राजय द्वारा किये जाने वाले आतंकवाद के पुरे समर्थन में है. मेनन का मानना है की बढ़ोत्तरी नहीं हुई है – हम पहले भी बालकोट जेसे हमले दूसरे देशों में करते रहे है.

“1950 से आजतक ऐसी एक भी बॉर्डर नहीं है जो हमने पार न की हो, अपनी हुकूमत बनाए रखने के लिए”

बस मोदी शाशन में में ये अंतर आया है कि ये अपनी पार्टी की राजनीती के चलते खुलासे करने लगी है – जिसका ये नतीजा है की सामने वाले देश को अपना नाम बचानेे के लिए लौट कर हमला करना पड़ता है, जिससे सुरक्षा और बात-चित पे बुरा असर पड़ता है.

हम्मे बीच बीच में इस तरह हमें जो लोग हमारे दुश्मन लगते है, उन्हें गोपनीय तरीके से मारते रहना चाहिए. कोई सबूत किसी कोर्ट में पेश करने की ज़रूरत नहीं, सामने वाले का पक्ष सुनने की ज़रूरत नहीं. हम कानून से ऊपर है.

राजनैतिक या धार्मिक गैर कानूनी हिंसा को ही शयद आतंकवाद बोला जाता है? वो ही हर राज्य की नीति होती है.

कुछ राजनेता इसे गोपनीय रखना चाहते है और बात-चीत को थोड़ा महत्व देते है. और आज की सरकार बस आतंकवाद इलेक्शन जीतने के लिए उजागर करती है.

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